इंटरनेट बैंकिंग एक ऐसी सुविधा है जिसके माध्यम से ग्राहक अपने घर बैठे बैठे ही अपने खाते से संबंधित सभी बैंकिंग सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकता है। बैंक अपनी वेबसाईट के माध्यम से ग्राहकों को अपने खाते मे लेन देन की सुविधा प्रदान करते हैं। ग्राहक इस वेबसाईट को अपने कंप्युटर या लैपटॉप पर चला कर अपने बैंकिंग से जुड़े कार्य संपन कर सकते है। इस वेबसाईट को चलाने के लिए ग्राहकों को बाँकों द्वारा लॉगइन/यूजर आई डी तथा पासवर्ड उपलब्ध कराया जाता है। नोट बंदी के बाद से इंटरनेट बैंकिंग कि पहुँच घर घर तक हो गई है।
इंटरनेट बैंकिंग ग्राहकों को बहुत सारी सुविधा प्रदान करती है। जैसे कि-
- ग्राहकों को बैंकिंग कि सुविधा घर बैठे, ऑफिस या हर उस जगह मिल सकती है जहा कंप्युटर के माध्यम से इंटरनेट चलाने कि सुविधा हो।
- ग्राहक को अपने बैंकिंग लेन देन के लिए बैंकिंग समय का इंतजार नहीं करना पड़ता। वह अपना खाता 24x7 और अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी उपयोग कर सकता है।
- ग्राहक अपने खाते से जुड़े वित्तीय तथा गैर-वित्तीय सभी प्रकार के लेन देन कर सकता है।
- इंटरनेट बैंकिंग से ग्राहकों के मूल्यवान समय कि बचत होती है।
- ग्राहक अपने इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाईट पर भुगतान करने के लिए कर सकता है।
- इंटरनेट बैंकिंग से ग्राहक अपने मोबाईल रिचार्ज, बिल पेमेंट, फीस पेमेंट, बीमा का प्रीमियम आदि का भुगतान भी केर सकता है।
जैसा कि हमने देखा कि इंटरनेट बैंकिंग के बहुत सारे लाभ है परंतु इंटरनेट से जुड़े होने के कारण यंहा भी इंटरनेट फ्रॉड कि संभावना रहती है। अतः इंटरनेट बैंकिंग कि सुविधाओं का उपयोग करते समय हमको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना होता है। अगर हम कुछ छोटी छोटी बातों का ध्यान रखे तो हम इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से होने वाले फ्रॉड से बच सकते है। जैसे कि-
1. ईमेल मे दिए गए लिंक से कभी भी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग न करे
फ्रॉड करने वाले अक्सर बैंक ग्राहकों को ऐसे ईमेल भेजते है जिसमे किसी बड़ी इनाम कि धनराशि जीतने का दावा किया जाता है। इसे एक फिशिंग ईमेल कहते है। ऐसे सभी ईमेल फर्जी होते है और इसमे धनराशि जीतने के सभी दावे झूठे होते है। ऐसे ईमेल मे एक लिंक दिया जाता है जिसका उपयोग कर के कुछ जानकारियाँ साझा करने को कहा जाता है। फिर इन जानकारियों का प्रयोग इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े फ्रॉड करने मे किया जाता है। ऐसे ईमेल मे इनाम कि धनराशि प्राप्त करने के लिए कुछ फीस जमा करने को भी कहा जाता है। यदि कोई ग्राहक यह फीस जमा केर देता है तो उसको न ही इनाम मिलता है ओर न फीस ही वापस आती है ओर साथ ही उसकी इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी सभी जानकारी फ्रॉड करने वालों के हाथ लग जाती है।
2. अपना पासवर्ड समय समय पर बदलते रहें
इंटरनेट बैंकिंग के फ्रॉड से बचने के लिए ग्राहकों को अपना इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए। हालांकि बैंक अपने ग्राहकों को समय समय पर अनिवार्य रूप से उनका इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड बदलने को बोलता है। परंतु कभी भूल वश यदि किसी ग्राहक ने अपनी बैंक खाते से जुड़ी जानकारी किसी के साथ साझा कि है तो उसको तुरंत अपना इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड बदल लेना चाहिए।
3. कठिन पासवर्ड का प्रयोग करे
इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड ऐसा होना चाहिए कि इसका आसानी से अनुमान न लगाया जा सके। इसके लिए ग्राहकों को चाहिए कि वह अपना नाम, अपने पति/पत्नि का नाम , बच्चों का नाम, अपनी या बच्चों कि जन्म तारीख, अपना मोबाईल नंबर इत्यादि को इंटरनेट बैंकिंग के पासवर्ड के रूप मे प्रयोग न करे। इस प्रकार के पासवर्ड को फ्रॉड करने वाले बड़ी आसानी से अंदाज लगा लेते है और फ्रॉड कर सकते है।
4. अच्छे एंटिवाइरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करे
इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करने वाले ग्राहकों को चाहिए कि वह किसी अच्छे एंटिवाइरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करे। माइक्रोसॉफ्ट भी अपने सभी अरिजनल विंडोज़ के लिए एंटिवाइरस सॉफ्टवेयर का अपडेट देता है। एंटिवाइरस सॉफ्टवेयर हमको वायरस अटैक, फिशिंग तथा रैनसॉनवेर से बचाने मे हमारी मदद करता है।
5. ओपन वाईफाई तथा नेटवर्क के इस्तेमाल से बचे
हमको ओपन वाईफाई का प्रयोग कर के अपने इंटरनेट बैंकिंग खाते मे लेन देन से बचना चाहिए। ओपन वाईफाई वह वाईफाई या नेटवर्क है जो हमको रैलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, एयरपोर्ट या अन्य किसी भी जगह पर बिना किसी शुल्क के ओर बिना किसी पासवर्ड के उपयोग करने को मिलता है। ओपन वाईफाई का उपयोग कर के किए गए कार्य को फ्रॉड करने वाले हैक व ट्रैक केर सकते है ओर हमारे बैंक अकाउंट मे सेंध लगा सकते है।
6. अपने कंप्युटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखे
हमको अपना कंप्युटर का ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखना चाहिए। माइक्रोसॉफ्ट समय समय पर विभिन्न प्रकार के सिस्टम अपडेट उपलब्ध करता है जो हमारे कंप्युटर को ओर अधिक सैफ तथा सिक्युर बनाते है और हमको किसी संभावित इंटरनेट बैंकिंग फ्रॉड से बचते है।
7. साइबर कैफै तथा पब्लिक कंप्युटर के इस्तेमाल से बचे
हमको साइबर कैफै तथा पब्लिक कंप्युटर का उपयोग कर के अपने इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े लेन देन से बचना चाहिए । ऐसे करने पर मुनकिन है कि आपके द्वारा उपयोग किए गए पासवर्ड को की लॉगर (की लॉगर एक उपकरण होता है जो कीबोर्ड कि सभी गतिविधियों को सीक्रिट तरीके से रिकार्ड करता रहता है) कि मदद से रिकार्ड किया जा रहा हो। साथ ही साथ साइबर कैफै तथा पब्लिक कंप्युटर सी.सी.टी.वी. कि निगरानी मे काम करते ही और मुनकिन है कि आपके द्वारा उपयोग किए गए यूजर आइडी तथा पासवर्ड भी इसमे रिकार्ड हो जाए जो कि बाद मे आपके इंटरनेट बैंकिंग फ्रॉड का कारण बने।
8. हमेशा सिक्युर वेब पेज चेक करने के बाद ही पासवर्ड का उपयोग करे
बाँकों द्वारा उनकी वेबसाईट पर जो इंटरनेट बैंकिंग का लिंक दिया जाता है वह ग्राहकों को एक सिक्युर वेब पेज पर ले जाता है जहा हमको इंटरनेट बैंकिंग का यूजर आइडी तथा पासवर्ड का उपयोग कर अपना लेन देन करना होता है। परंतु यदि यह वेबपेज सिक्युर नेटवर्क पर नहीं है तो यह नकली वेबपेज हो सकता है जो आपकी इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी जानकारियाँ जुटाने के लिए बनाया गया हो सकता है। फ्रॉड करने वाले अक्सर बैंक के इंटरनेट बैंकिंग वेबपेज से हूबहू मिलता हुआ नकली वेबपेज बना लेते है और ग्राहकों कि जानकारी हासिल कर के फ्रॉड को अंजाम देते है। अतः हमको हमेशा यह देखना चाहिए कि वेबसाईट का अड्रेस “https” हो न कि “http” यहाँ “https” मे “s” का मतलब सिक्युर है।
9. बैंक द्वारा भेजे गए SMS, ईमेल तथा अलर्ट को रेगुलर चेक करे
हमको बैंक द्वारा भेजे गए SMS, ईमेल तथा अन्य प्रकार के अलर्ट को सबस्क्राइब करना चाहिए तथा इनको ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से हम फ्रॉड को सही समय पर रोक सकते है ओर किसी फ्रॉड कि स्थिति मे इसकी सूचना बैंक को समय रहते दे सकते है।
10. इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग के लिए गूगल न करे, टाइप करे
ग्राहकों को चाहिए कि वह वेब कि वेबसाईट या इंटरनेट बैंकिंग का पेज खोलने के लिए कभी भी गूगल सर्च का सहारा न ले। आपको जिस भी बैंक कि इंटरनेट बैंकिंग कि वेबसाईट खोलनी है उसका पूरा लिंक अड्रेस बार मे टाइप करे। ऐसा करने से आप नकली वेबसाईट पर अपनी इंटरनेट बैंकिंग कि जानकारी साझा करने से बच सकते है ओर होने वाले फ्रॉड कि संभावना को समाप्त कर सकते है।
11. हमेशा इंटरनेट बैंकिंग के उपयोग के बाद अकाउंट लोगआउट करे
इंटरनेट बैंकिंग के प्रयोग के बाद अपना इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट सावधानी पूर्वक लॉगआउट करे ताकि आपका इंटरनेट बैंकिंग सेशन पूर्ण रूप से समाप्त हो जाए ओर वेब ब्राउजर मे आपकी कोई जानकारी न रहे।
12. अपना OTP व अन्य बैंकिंग डीटेल किसी से साझा न करे
इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा किए गए लेन देन को अप्रूव करने के लिए बैंक कई बार ग्राहकों को OTP भेजता है। ग्राहकों को चाहिए कि वह इस OTP को किसी के साथ साझा न करे। बैंक या बैंक का कोई भी कर्मचारी कभी भी अपने किसी भी ग्राहक से OTP या अन्य कोई भी संवेदनशील जानकारी जैसे डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी, कार्ड एक्स्पाइरी इत्यादि नहीं माँगता। OTP या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा करने से आपके खाते मे सेंध लग सकती है ओर आपको नुकसान उठान पड़ सकता है
ऊपर दिए गए कुछ सुझावों का ध्यान रख केर हम इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा होने वाली धोखाधड़ी तथा फ्रॉड से बच सकते है और इंटरनेट बैंकिंग कि सुविधा का भरपूर लाभ उठा सकते है।
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